रिगतिया भेरू साधना-
यह साधना प्रथम बार में ही सिद्ध होती है अगर साधक प्रथम बार में अनुष्ठान अधूरा छोड़ देता है तो दूसरी बार में उसको कालग्रास बनना होता है।यह एक उग्र साधना है।इसमें साधक रविवार या गुरूवार से साधना शुरू करे।
दिशा उत्तर,कुशासन,वस्त्र लाल या काले,सिंदूर का तिलक लगाये।
भोग में बूंदी के लड्डू,दही बड़े, नमकीन रखे।खुली आँखों से साधना दिये को देखते हुये करे।साधना काल में अनेक भयानक अनुभव होते है।अंतिम दिन रिगतिया भैरू साधक को दिखाई देता है और एक बंद कमल कली पुष्प को साधक के शरीर पर फेंकता है और एक चमकीली किरण बनकर साधक की आँखों के माध्यम से शरीर में सिद्ध हो जाता है।
इनका स्वरुप अत्यंत भयानक होता है,यह एक श्मशानी शक्ति है,इसे रक्तया भेरू भी कहते है।इसके सिद्ध होने पर साधक सभी कार्य करता है।इसकी भुजाय अनंत होती है 21 दिन साधना की जाती है।
1 घण्टा रोज मन्त्र जाप किया जाता है।
गुरु मन्त्र पवित्रीकरण,वास्तुदोष पूजन अनिवार्य है।
दुरुपयोग न हो साधना का,इसलिये मन्त्र नही दिया जा रहा है।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड भारत
हेल्पलाइन 00917669101100
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vishnuavtar8@gamil.com
Tuesday, May 9, 2017
रक्त भैरुं साधना
Sunday, May 7, 2017
साधना विधान और उपाय से सिद्ध सिद्धियां सीखें
कलयुग में सिद्धि प्रदान करने वाली साधनाये और न्यौछावर धनराशि दीक्षा}
01 माँ विंध्यवासिनी साधना- दिन 22 ,साधक या साधिका भूतकाल},भविष्यकाल,वर्तमान काल दूरदर्शन की तरह बंद आंखों में देख सकते हैं।
41000 न्योछावर
02 माँ शिव शक्ति चक्रेगमालिनी साधना- दिन 22
शिवजी की शक्ति प्राप्त होती है किसी भी संशय का तुरंत समाधान करती है।त्रिकाल दर्शी हो जाता है।
41000 न्योछावर
03 माँ घण्टा कर्णी यक्षिणी साधना - दिन 22
सिद्धि होने पर साधक जितने कार्य बोलकर सो जाता है तो देवी उसकी आत्मा को निकालकर स्वप्न में दिखाकर दूरदर्शन की स्क्रीन की तरह सभी कार्य सम्पन्न करती है और रोगियों को ठीक करती है।सट्टे का नंबर भी बता देती है।
21000 न्योछावर
04 हमजाद साधना-दिन 41
इस सिद्धि के बल पर साधक भूत भविष्य वर्तमान,आने वाले लोग आपसे क्या मालूम करेंगे ,सब बता देता है।
41000 न्योछावर
05 हमजाद साधना 2- यह साधना 41 दिन की है।
इसमे साधक को विष्णु जी से एक शक्तिशाली योद्धा प्राप्त होता है जो सभी भूत प्रेतों को मार गिराता है।
11000 न्यौछावर
06 शोका पीर सिद्धि- दिन 22
सिद्ध होने पर सभी कार्य करते है।इनको बुलंद शाह पीर के नाम से भी जाना जाता है।रामचन्द्र जी की चौकी से सिद्ध होतेहै।
31000 न्यौछावर
07 श्याम कौर मोहिनी देवी साधना - यह सिद्धि मुस्लिम पद्धति से 41 दिन में ,देव पद्धति से 21 दिन में सिद्ध होती।दोनों का कार्य प्रबल वशीकरण है।
80000 न्यौछावर
08 सुग्रीव साधना-दिन 23
इस साधना में साधक को हनुमानजी की शक्ति प्राप्त होती है।3 वचन में 3 सिद्धियां मिलती हैं।
41000 न्यौछावर
09 शिव कृत्या साधना-दिन 19
इस साधना में साधक संसार के सभी तरह के तंत्र मंत्र यंत्र ,इतर योनि को खत्म कर देता है,रोगी के प्राणों को बचाता है।देवी देवताओं को भी परास्त कर देता है।
180000 न्यौछावर
10 देवी यक्ष कुमारी वरदान साधना -दिन 42
इस साधना में साधक को देवी मनचाहा वरदान प्रदान करती है।
21000 न्यौछावर
11 माँ वज्रयोगिनी साधना -दिन 42
इस साधना से साधक का देह पत्थर हो जाता है जिस पर अस्त्र शस्त्र ,रसायन आदि का कोई प्रभाव नही पड़ता।
60000 न्यौछावर
12 वशीकरण काजल साधना -दिन 3
इस काजल प्रयोग से साधक 3 सेकेण्ड में स्त्री को आंखों के माध्यम से वशीभूत कर देता है।संसार की वशीकरण सिद्धियों में यह उच्च कोटि की साधना है।इस सिद्धि से साधक अरुंधति स्त्री को भी वश में कर लेता है।
280000 न्यौछावर
13 प्रेमिका वशीकरण मछली साधना- दिन 21
प्रेमी जब यह प्रयोग अपनी प्रेमिका के लिये करता है तो प्रेमिका मछली की तरह तड़पते हुई 11 दिन के अंदर प्रेमी से मिलती है।
11000 न्योछावर
14 भैरव सट्टा मन्त्र साधना -दिन 41
इस सिद्धि से साधक सिद्ध होने पर भैरव जी से वचन में सट्टा का नंबर जीवन भर प्रदान करने का वादा करवाता है।
31000 न्योछावर
उपरोक्त सभी सिद्धियां वर्तमान में सिद्ध है और भविष्य में अच्छे कार्य के लिये भी सिद्ध करायी जाएगी।यह साधना विदेशो में भी सिखाई जाती है।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
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शैतान वशीकरण साधना-यह साधना बहुत ही प्राचीन विद्या है, इस साधना के अंतर्गत साधक या साधिका को एक शक्तिशाली शैतानी जिन्नात सिद्ध होता है। इसक...