मृत आत्माओं का ट्रांसफर (मन्त्र साधना से)-
यह एक गुप्त प्रक्रिया है।इसके अन्तर्गत श्मसान जागरण किया जाता है।जिस साधक को जो शक्ति प्राप्त करनी होती है,साधक को मन्त्र जाप से उस शक्ति का आवाहन करना होता है तभी साधक को अपने आज्ञा चक्र में प्रेत आत्मा,भूत ,बेताल ,ब्रह्म राक्षस ,डायन,भैरवी,कपालिनी,श्मशान काली,मसानी, कंकाल,चंडाल,मसान,मुंजा, कच्चा कलुआ,जिन्न ,चुड़ैल,शांकिनी,डांकिनी,यक्षणी, मृत आत्मायें आदि दिखाई देती है।
जिनको गौड गिफ्ट होता है वो खुली आँखों से देख सकते है जिनको जन्म से ये गौड गिफ्ट नही होता है वो साधक आज्ञा चक्र के माध्यम से उनको बन्द आंखों से देखते है।
जिस साधक या साधिका को शक्ति चाहिये होती है गुरु के आदेश होने पर साधक उस श्मशान जागरण के अख़ाडे से उसको बुलाता है,उसी समय शक्ति शाली आत्मा साधक या साधिका के सामने उपस्थित होती है तो गुरु उसी समय साधक या साधिका के वचन आत्मा से कराता है और आत्मा भी साधक के हाथ पर हाथ रखकर वचन देती है।
उस वचन के समय ऐसा लगता है जैसे कोई वास्तव में हाथ रखकर बात कर रहा हो।
आत्मा ट्रांसफर की यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद गुरु को श्मशान सुलाना पड़ता है अर्थात शांत करना होता है,उसके बाद साधक या साधिका को गुरु आज्ञा लेकर गुरु के साथ श्मशान से बाहर निकलना चाहिये।
यह प्रक्रिया 10 से 15 मिनट की होती है।डरपोक साधक या साधिका इसको न करे अन्यथा किसी भयानक दृश्य को देखकर मानसिक संतुलन खो सकते है।
यह आत्माओं का ट्रांसफर केवल श्मशान में ही संभव है।
श्मशान के बिना किसी भी कीमत पर आपको कोई आत्मा कोई भी तांत्रिक ट्रांसफर नही कर सकता।
केवल इतना कर सकता है कि आपको बन्द कमरे के बैठाकर उसके दर्शन करा सकता है आज्ञा चक्र में।
कुछ समय के लिये आत्मा आपसे बात करेगी
किन्तु जब आप अपने घर जाएंगे तो आपके बुलाने पर भी नही आएगी इस स्थिति में साधक का समय पैसा खराब हो जाता है। अतः ऐसे जगह से बचे।
जहाँ भी जाये श्मशान में लेकर जाये।वही से आपको वास्तविक आत्मा का ट्रांसफर होता है और जीवन भर या वचनों के अनुसार वह दिव्य और आलौकिक आत्मा आपकी सहायता करेगी।
जब भी आप कहीं भी होंगे आत्मा का आवाहन करेंगे आत्मा आज्ञा चक्र में प्रकट होगी और मानसिक रूप से बात कर आपकी हर बात का उत्तर देगी।
आपकी हर समस्या का समाधान करेगी।
षट्कर्म भी करेगी।
हमारे एक शिष्य के कहने पर मेरे द्वारा इस साधना का वर्णन मैने अपने शब्दों में लिख दिया है।
ट्रांसफर आत्माओं से कार्य- जब भी आपको कोई कार्य करवाना हो तो साधक या साधिका श्मशान में जाकर सिद्ध आत्मा को मदिरा, माँस, कलेजी आदि देते है तब साधक का कार्य तुरंत आसुरी शक्ति करती है।
आत्माओं का ट्रांसफर केवल अमावस्या की आधी रात को 12 बजे से,शनिवार की रात को 9 बजे से,मंगलवार की रात को 8 बजे से श्मशान भूमि में किया जाता है।
जिन साधको को हमारे द्वारा आत्माओ का ट्रांसफर श्मशान में करवाया है उनमें से कुछ साधकों के छोटा सा वीडियो भी अपलोड किया जा रहा है श्मशान का।।
चेतावनी- (कुछ लोग मेरी लिखित साधनाओं को अपने ब्लॉग,फेसबुक ,यु tube चैंनल, ग्रुप में अपने नाम से पब्लिश करते है ऐसे महापुरुषों से निवेदन है कि अपनी मेहनत से कमाई साधना को ही पब्लिश करे।)
हमारे द्वारा आत्माओं का ट्रांसफर वॉइस कॉल या वीडियो कॉल से ऑनलाइन किया जाता है किंतु साधक या साधिका निर्भीक हो और अकेले शमशान में जाकर आत्माओं से बातचीत कर वचन लेके वापस आये।।
इन साधनाओं का दुरुपयोग नही करना चाहिये।
जो साधक कामवासना के वशीभूत पिशाचिनियों,अप्सराओ आदि को सिद्ध करना चाहते है उनको भी श्मशान में बैठकर वचनबद्ध करके अपने साथ साधक ले जा सकता है।साधक के सभी कार्य करेगी पत्नी या प्रेमिका रूप में।
प्रेम प्रसंग साधक का आत्मिक रूप से होगा अर्थात ये आत्मायें साधक की आत्मा को आज्ञा चक्र से बाहर निकालकर प्रेम प्रसंग करती है जिससे साधक को अनन्त आनंद की प्राप्ति होती है किंतु ये साधक के लिये हानिकारक है,एक साधक को हमेशा अच्छे कार्य करने चाहिये न कि कामकला में डूबा रहे।
जब साधक इन आत्माओ से मुक्ति चाहते है या इनको नही रखना चाहते है तो हमारे द्वारा इन आत्माओं को अलग कर दिया जाता है और साधक स्वतंत्र हो जाता है।
आत्मा ट्रांसफर के लिये सामग्री-
सफेद कपड़े 11 मीटर
कुशासन
2
निरमिहि की जड़ 2
(एक साधक के आसन के नीचे दूसरी गले मे)
काले पत्थर 11
चौमुखा दीया
शराब की बोतल
दोरंगा सिंदूर
दिशा उत्तर दक्षिण
लोबान पंचमुखी
उपरोक्त सामग्री से मन्त्र उच्चारण करने पर साधक के आत्माओ के अखाड़े से मन वांछित आत्मा वचन सिद्ध होती है।
कुछ साधक प्रेत आत्माओं को अपना शरीर भी सौंप देते है जो अपनी भौतिक इच्छाओ को कई गुना बड़ा कर सकते है जैसे कामवासना,खाना पीना,दौड़ना आदि।।
गुरुदेव अशोक कुमार चंद्रा
हरिद्वार उत्तराखंड
00917669101100
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Wednesday, August 14, 2019
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