@@महाकाल शिव शंकर महादेव मन्त्र सिद्धि@@
यह साधना अत्यंत दुर्लभ है,प्राचीन है।इस सिद्धि में साधक साधना के अंत में भगवान शंकर के दर्शन प्राप्त करता है और शिव जी प्रसन्न होकर साधक को वरदान प्रदान करते हैं।
यह वरदान तुरुन्त कार्य करता है।
इस सिद्धि को साधक पूर्ण करे ,बीच में नही छोड़े।यह साधना जंगल में करे,घर में करे तो सर्प को 41 दिन तक ही रखना होगा ।
यह साधना महाशिवरात्रि, सावन या त्रयोदशी से भी कर सकते हैं।
साधक इसमें शिव चालीस,शिव व्रत कथा,शिव आरती को याद कर ले।मूलमन्त्र सिद्धि को भी याद कर ले।
आम की 2 चौकी बनाये, एक अपने लिये बैठने को दूसरी शिव जी की मूर्ति और पूजन सामग्री रखने के लिये।
शिव यंत्र को को बनाकर भोजपत्र पर पीपल की कलम से सिंदूर की स्याही से जल भरे कलश में डाले,साधना की सभी सामग्री लगाये,भोग में सवा किलो दूध रखे,फल, मिठाई,फूल रखे,देशी घी का दिया जलाये,
यह साधना सुबह 4 बजे या रात्रि में 11 बजे से शुरू करे।शिव कथा 21 बार कहे,शिव आरती 11 बार करे,शिव चालीसा 31 बार करे फिर सिद्धि मन्त्र ॐ नमः शिवाय जप करे।
साधना के बाद दूध को नाग को पिला दे,यंत्रो को जल सहित तुलसी पोधे में चढ़ा दे।
गुरु मन्त्र ,पवित्रीकरण,वास्तु दोष पूजन,गणेश पूजन,सुरक्षा मन्त्र करे,संकल्प ले।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन
07669101100
09997107192
08868035065
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Tuesday, February 7, 2017
शिव सिद्धि
शैतान वशीकरण साधना-यह साधना बहुत ही प्राचीन विद्या है, इस साधना के अंतर्गत साधक या साधिका को एक शक्तिशाली शैतानी जिन्नात सिद्ध होता है। इसक...