
यह एक प्रबल अस्त्र है, इसके माध्यम से किसी भी ग्राम, किसी भी शहर किसी भी राज्य, किसी भी देश अथवा किसी भी महाद्वीप में निवास करने वाले प्राणी मात्र को हिंसक प्रवृत्ति में परिवर्तित किया जा सकता है जिसके परिणाम स्वरूप वह स्थान आपसी कलह के कारण तबाह हो जाते हैं। इसका प्रयोग शत्रु देशों के विनाश में बहुत लाभकारी होता है, इस अस्त्र की लंबाई मांत्रिक प्रयोगों में बारह हाथ बताई गई है।
इस अस्त्र को प्रयोग करने के लिए मंत्र के ऋषि कालरूद्र है और देवता श्री...