@@प्रेमिका वशीकरण और विवाह तंत्र साधना@@
यदि प्रेमी प्रेमिका के प्रेम सम्बन्ध आपस में टूट जाये और प्रेमिका प्रेमी से बात न करे और न शादी करे तब प्रेमी को यह प्रयोग करना चाहिये। ऐसी प्रेमिकाएं या तो किसी दूसरे के जादू टोने से अलग हो जाती है या किसी के बहकावे में आ जाती है।
यह प्रयोग प्रेमिका को वापस लाने के साथ साथ विवाह योग भी उसके साथ बनाता है और इस क्रिया के प्रयोगकर्ता को आजीवन माता विंध्यवासिनी की पूजा करनी चाहिये क्योंकि माता की कृपा से ही उसको सब कुछ प्राप्त होता है।
सबसे पहले प्रेमी को सुबह नहा धोकर माता के मंदिर में जाकर गुलाब के फूल,नारियल,कुमकुम,चावल,पीली मिठाई,16 श्रृंगार,हल्दी,फल, दक्षणा ,अगरबत्ती ,दीप मंदिर में देकर आना चाहिये और लड़की के वापसी और विवाह की प्रार्थना करे।
घर आकर माता का फ़ोटो पूजाघर में रखे,पूजा करे और रात्रि 11 बजे माता विंध्यवाशिनि पूजन करे।अगरबत्ती,दीप जलाये।फल, फूल,मिठाई ,चावल,कुमकुम,हल्दी चढाये।
माता के सामने लड़का अपना फ़ोटो और लड़की का फ़ोटो रखे। आप 300 ग्राम हल्दी को को जल में मिलाकर उसके 2 पुतले बनाये।पुरुष पुतले को लड़के वाले फ़ोटो पर,लड़की पुतले को प्रेमिका फ़ोटो पर रखे।
अब कुमकुम लेकर स्त्री पुतले के दोनों हथेली पर,दोनों पंजो पर तिलक लगाय। इसी तरह लड़के के पुतले पर लगाय।
अब स्त्री पुतले की सिर पर सिंदूर लगाय,उसके गले में मंगल सूत्र पहनाये।शेष 15 श्रृंगार को स्त्री पुतले के ऊपर पैरो में चढ़ा दे।
अब कच्चे सूत को पानी में हल्दी घोलकर रंग ले और दोनों पुतलो को आपस में मुह के तरफ से जोड़कर यह सूत उन पर अच्छी तरह लपेट दे और बाँध दे।उसके बाद माता से प्रार्थना करे और फिर यंत्र का पूजन करे।यह क्रिया 4 दिन करे और पुतलो का पूजन सुबह शाम करे।माता को रोज फल, फूल,मिठाई ,अगरबत्ती,दीप ,चावल ,कुमकुम,हल्दी चढाये।5 वे दिन दोनों पुतलो को किसी सुनसान जगह में एक हाथ गहरा गड्डा खोदकर उसमे गुलाब जल छिड़क दोनों पुतलो को गड्ढे में डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दे ,उसके बाद वहाँ गंगाजल छिड़क कर अगरबत्ती,दीप, कुमकुम,चावल,कुमकुम,फल फूल,मिठाई चढाये।और माता से प्रार्थना कर घर आ जाय।
उसके बाद हम अपने अनुष्ठान से माता विंध्यवाशिनि शक्ति का आवाहन करके प्रेमिका के शरीर में शक्ति प्रवेश करा देते है।उसके ऊपर जितने भी तांत्रिक बंधन होंगे सब टूट जायेंगे, जिसके फल स्वरुप प्रेमिका अपने प्रेमी के पास 41 दिनों में वापस आ जाती है।शादी करती है।
प्रेमी को चाहिये वह् आजीवन माता की पूजा करे और उनको घर में प्रथम स्थान दे।
अनुष्ठान के समय प्रेमी मांस मदिरा से दूर रहे।अधिक जानकारी हेतु ब्लॉग पर संपर्क करे।
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गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखंड
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