कर्णपिशाचिनी साधना--
ॐ ह्रीम कर्ण पिशाचिनी वाग्वादिनी वाग्वादिनी हुम् फट स्वाहा।
विधि-यह साधना और मन्त्र अत्यंत दुर्लभ है।यह 7 दिन की सिद्धि होती है।
यह मन्त्र किसी भी पुस्तक में नही मिलेगा।
यह गुरूमखी मन्त्र है जो गुरु प्रथा से चलता है।
साधक काले वस्त्र,काले आसन पर बैठकर अपने सामने पूजा सामग्री लगाकर मन्त्र सिद्ध करता है। साधना के चौथे दिन से साधक के कानों में आवाज आनी शुरू हो जाती है और 5,6,अंतिम दिन कर्णपिशाचिनी नग्न अवस्था मे साधक के सामने आती है और भयभीत करती है किंतु साधक को डरना नही चाहिये।
जो साधक यह साधना सम्पन्न करना चाहते है वह साधना शुल्क देकर साधना विधान प्राप्त कर सिद्धि करके जन कल्याण कर सकते है।
यह देवी उग्र शक्ति है।सिद्धि विधान साधक की email id या whatsup पर दिया जाएगा।
यह देवी 35 वर्षीय सुंदर स्त्री रूप में सफेद वस्त्र धारण किये होती है।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा हरिद्वार उत्तराखण्ड भारत
email id
vishnuavtar8@mail.com
Helpline
00917669101100
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