
बिरहना पीर साधना-
यह साधना 40 दिन में सम्पन्न की जाती है।
यह साधना बन्द कमरे में रात्रि 12 बजे से सपन्न की जाती है। कमरा एकांत में होना चाहिये।
साधक रात्रि को मन्त्र जाप करे और पूजन करके उसी कमरे में
सो जाय।
यह साधना ग्रहणकाल में शुरू की जाती है।
कमरे में फर्श दीवारों पर ,आसन, चौकी पर,अपने वस्त्रों पर साधक चमेली का इत्र ,सेंट,परफ्यूम छिड़क ले।
पूर्ण कमरा सुगंधमय हो जाय।
साधक सफेद वस्त्र पहनकर सफेद आसन पर बैठे। रुद्राक्ष माला से जाप करे।
देशी घी,लोबान,बतासे,लौंग...