वर्ष 2018 की 21 साधना सिद्ध करने के बाद शेष 30 सिद्ध साधनाए को साधक आगे करना चाहते है निम्नवत है---
22-हमजाद सिद्धि
23-श्मशान काली सिद्धि
24-दक्षिणा काली सिद्धि
25-बगलामुखी सिद्धि
26-धूमावती सिद्धि
27-बेताल सिद्धि
28-2 भूत सिद्धि
29-6 भूत सिद्धि
30-वट वृक्ष भूत सिद्धि
31-वार्ताली देवी सिद्धि
32-पंचांगुली देवी वरदान सिद्धि
33-रंजिनी अप्सरा सिद्धि
34-लाल परी सिद्धि
35-ग्रहण कालीन डाकिनी सिद्धि
36-शांकिनी सिद्धि
37-ब्रह्मराक्षस सिद्धि
38-पिशाच सिद्धि
39-वज्रयोगिनी सिद्धि
40-श्रुतदेवी सिद्धि
41-घण्टाकर्णी देवी सिद्धि
42-कपालिनी सिद्धि
43-मासिक धर्म दोष निवारण स्त्री (अष्टविनायक सिद्धि)दीर्घ साधना
44-गौ जोगिनी सिद्धि
45-सुग्रीव साधना
46-लौंग मोहिनी सिद्धि(इशमाईल जोगी वरदान )
47-वायुगमन सिद्धि
48-(रावण सिद्ध) स्त्री वशीकरण काजल सिद्धि
49-सूर्य देव सिद्धि(श्रीकृष्णा सिद्ध)
50-शव साधना(वीर-साधन)
51- मृत आत्मा आवाहन सिद्धि
उपरोक्त सिद्धियाँ वर्तमान में सिद्ध और कार्य करती है।
योग्य साधक ही साधना के पात्र होंगे।
सभी सिद्धियां ऑनलाइन सिद्ध करायी जाएंगी।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा हरिद्वार उत्तराखंड भारत
Helpline 00917669101100 00919997107192
00918868035065
Email- vishnuavtar8@gmail.com
Friday, February 23, 2018
Friday, February 9, 2018
आक वीर सिद्धि
आक वीर सिद्धि--यह साधना कृतिका नक्षत्र के प्रारम्भ से शुरू करके उसी दिन सिद्ध की जाती है।साधक को यह सिद्धि मात्र 21 माला जप करने से प्राप्त हो जाती है।यह एक दिन की साधना होती है।साधक को अपने माथे पर सफेद तिलक लगाना चाहिये।
सफेद वस्त्र ,आसन ग्रहण करने चाहिये।आक के पेड़ के नीचे साधक शांत मन से बैठे।देशी घी का दिया जलाये,उद की धूप करे।मीठा रोट का भोग लगाय।मन्त्र जाप करे।
प्रत्येक माला पर बेरी के कांटे से खरोंच लगाय आक के पेड़ पर ।
सम्पूर्ण कार्य होने पर शांत मन से बैठे रहे।मन्त्र जाप के समय या बाद में वीर साधक को आवाज देता है,डरे नही ,निर्भय होकर वीर से वचन ले।पवित्रीकरण,वास्तुदोष पूजन, संकल्प,सुरक्षा रेखा,गुरुमन्त्र अनिवार्य है।जब वीर सिद्ध होता है तो सभी कार्य सम्पन्न करता है।
यह वीर बन्द आँखो में ही दर्शन देते है।सिद्धि के समय भयानक दृश्य दिख जाने पर साधक को डरना नही चाहिये।
मन्त्र -ॐ नमो आदेश गुरु का
वीर कम्बली, वीर घात करे,चेते हनुमान वीर नही तो शिव की दुहाई।।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन 00917669101100
00919997107192
00918868035065
emailid vishnuavtar8@gmail.com
चमत्कारी 21 सिद्धियां सीखे
सन 2018 सिद्ध साधनाएँ-
यह साधनाएँ पूर्ण रूप से वर्तमान में सिद्ध और कार्य करती है किंतु साधक इन सिद्धियों से अपना स्वार्थ सिद्ध नही कर सकता,साधक पर हित कर सकता है।अपना हित चाहने वालो को कभी भी सिद्धि प्राप्त नही होती है।जो लोग यह समझते है कि सिद्धि करने से अपना भला होता है तो यह उनकी गलत विचारधारा है।
वास्तव में सिद्धियाँ तांत्रिककर्म से पीड़ित मनुष्यो की देह को रोगमुक्त करने का कार्य करती है।वर्तमान में जो साधक साधनाए सिद्ध करना चाहते है ,कर सकते है ।
जो भी सिद्धियां करेंगे उसकोे हम इस सारणी क्रम वार में सिद्धि करायेंगे न कि उसकी इच्छा से।
इन सिद्धियों की संख्या कुल 21 होगी।इनको सिद्ध करने में 2 वर्ष का समय लगेगा।इसके लिये साधक के पास अपना कमरा होना चाहिए। जिनके पास कमरा नही है वो पहले कमरे की तैयारी करें।उसके बाद साधनाए सिद्ध करे।
साधनाओ का विवरण निम्न है--
1 माता विन्ध्यवासिनी सिद्धि
2 भैरव सिद्धि
3 हनुमान सिद्धि
4 माता रक्ता देवी साधना
5 हनुमान सिद्धि भाग 1
6 हनुमान सिद्धि भाग 2
7 चक्रेगमालिनी सिद्धि
8 शिवजी वरदान सिद्धि
9 आक वीर सिद्धि
10 कामाख्या देवी वचन सिद्धि
11 बावन वीर सिद्धि
12 चौसठ योगिनी सिद्धि
13 मसान सिद्धि
14 श्रीराम सिद्धि
<
15 कर्णपिशाचिनी सिद्धि
16 महाकाली सिद्धि
17 तारादेवी सिद्धि
18 उग्रतारा देवी सिद्धि
19 रम्भा अप्सरा सिद्धि
20 यक्ष कुमारी सिद्धि
21 शिवकृत्या सिद्धि
उपरोक्त सिद्धियां सिद्ध करनी अनिवार्य होती है साधक के लिये। समय अभाव होने के कारण
सभी साधनाए ऑनलाइन सिखायीं जाती है।इनको सिद्ध करने के बाद साधक आगे उच्च कोटि की सिद्धियों को सिद्ध कर सकते है।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड भारत
हेल्पलाइन 00917669101100
00919997107192
00918868035065
ईमेल vishnuavtar8@gmail.com
Saturday, February 3, 2018
डाकिनी देवी ग्रहणकालीन सिद्धि
ग्रहण कालीन डाकिनी वरदान सिद्धि--
यह साधना ग्रहण के समय मे ही सिद्ध की जाती है।
ग्रहण के समय मे डाकिनी देवी साधक को बंद आँखो में दर्शन देकर वचन करके वरदान या आशीर्वाद प्रदान करती है।
यह साधना एकांत कमरे में सिध्द की जाती है।
यह साधना मात्र 1 घण्टे की होती है,जब भी ग्रहण हो 1 घण्टे से ज्यादा तो साधना पूर्ण सिद्ध होती है।यह साधना पूर्ण प्रमाणिक और सिद्ध है
ग्रहण से एक घण्टे पहले साधक स्नान करके बंद कमरे मोगरा ,चमेली का सेंट दीवारों ,फर्श,छत पर छिड़क दें।सफेद कपड़े को धारण करे।सफेद आसन बिछाये।
सामने बाजोट पर सफेद वस्त्र बिछाये।देशी घी का अखण्ड दिया त्रिभुजाकार अर्थात त्रिकोण में जलाये।
सरसो की ढेरी बनाए।फल फूल मिठाई रखे।सुगन्धित अगरबत्ती जलाये।इतर रखे।माथे पर काला रंग का तिलक लगाएं।
डाकिनी मन्त्र को 1 माला जपे।
डाकिनी दिए कि लौ से प्रकट होकर सामग्री साधक से मांगेगी।साधक डरे नही और शांत मन से सभी सामग्री डाकिनी को अर्पण करें।
अंत मे डाकिनी साधक से खाने के लिये भोग मांगेगी तब साधक को ''डाकिनी भोग'' जो गुरु निर्देश में तैयार किया जाता है ,डाकिनी को दिया जाता है तब डाकिनी प्रसन्न होकर साधक को वरदान देती है।साधक के सभी कार्य करती है।दिशा उत्तर रहेगी मन्त्र जाप में।
मन्त्र जाप शुरू करते ही अनेक भयानक भूत प्रेत की आकृतियाँ साधक को बन्द आँखो से दिखाई देती है और अंत मे डाकिनी सिद्ध होती है।
मन्त्र-नमो चन्डी सुखार धरती चढ़ाया कुण कुण वीर हनुमन्त वीर चडीया
गोंडा चढि जांघ चढि कटी चढ़ी पेट चढ़ी पासलि चढि हिया चढि छाती चढि मुख चढि जिह्वया चढि कान चढि आंख चढि ललाट चढि शीश चढि कपाल चढि चोटी चढि।
नरसिंह हनुमन्त चले।वीर संदवीर आज्ञावीर चले सो संता वीर चढ़े।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन 00917669101100
00919997107192
00918868035065
Emailed vishnuavtar8@gmail.com
शैतान वशीकरण साधना-यह साधना बहुत ही प्राचीन विद्या है, इस साधना के अंतर्गत साधक या साधिका को एक शक्तिशाली शैतानी जिन्नात सिद्ध होता है। इसक...