देवी सरस्वती साधना--यह साधना 11 दिन की है।साधक इस साधना में 11 माला जप रोज करे।
यह मन्त्र स्वयं सिद्ध है।
दिशा पूर्व,वस्त्र ,आसन ,माला सफेद रंग की हो।
यह साधना किसी भी समय साधक सुबह को शुरू कर सकते है।
सिद्ध होने के बाद साधक 108 बार मन्त्र से अभिमंत्रित करके ब्राह्मी घी को खाय।
साधक की जिह्वया पर देवी सरस्वती का वास हो जाता है।
मन्त्र--
ॐ ह्रीम ऐम ह्रीम ॐ सरस्वत्यै नमः
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन 00917669101100
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Tuesday, August 22, 2017
देवी सरस्वती साधना
Sunday, August 20, 2017
कर्ण पिशाचिनी साधना
कर्णपिशाचिनी साधना--
ॐ ह्रीम कर्ण पिशाचिनी वाग्वादिनी वाग्वादिनी हुम् फट स्वाहा।
विधि-यह साधना और मन्त्र अत्यंत दुर्लभ है।यह 7 दिन की सिद्धि होती है।
यह मन्त्र किसी भी पुस्तक में नही मिलेगा।
यह गुरूमखी मन्त्र है जो गुरु प्रथा से चलता है।
साधक काले वस्त्र,काले आसन पर बैठकर अपने सामने पूजा सामग्री लगाकर मन्त्र सिद्ध करता है। साधना के चौथे दिन से साधक के कानों में आवाज आनी शुरू हो जाती है और 5,6,अंतिम दिन कर्णपिशाचिनी नग्न अवस्था मे साधक के सामने आती है और भयभीत करती है किंतु साधक को डरना नही चाहिये।
जो साधक यह साधना सम्पन्न करना चाहते है वह साधना शुल्क देकर साधना विधान प्राप्त कर सिद्धि करके जन कल्याण कर सकते है।
यह देवी उग्र शक्ति है।सिद्धि विधान साधक की email id या whatsup पर दिया जाएगा।
यह देवी 35 वर्षीय सुंदर स्त्री रूप में सफेद वस्त्र धारण किये होती है।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा हरिद्वार उत्तराखण्ड भारत
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vishnuavtar8@mail.com
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00917669101100
लिंक पर क्लिक करके साधना प्राप्त करे
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Saturday, August 19, 2017
शिव कृत्या सिद्धि
शिव कृत्या साधना---
ॐ क्लीम क्लीम शत्रुणाम मोहये उच्चाटये मारये वचन सिद्धि मम आज्ञा पालय पालय कृत्याम सिद्धि फट ।
विधि- यह साधना अत्यंत दुर्लभ है।इसका सिद्धि विधान अमावस्या या मंगलवार या होली या दीपावली से शुरू किया जाता है।काले वस्त्र,काला आसन ,शिव पूजन आदि सम्पन्न करके सिद्ध की जाती है।
इस सिद्धि में साधक के सामने 3 देवी कृत्याय प्रकट होती है,एक मारण कृत्या,दूसरी मोहन
कृत्या, तीसरी उच्चाटन कृत्या।।
इस मंत्र को
सिद्ध करने के बाद साधक घर बैठे हजारो मील दूर के कार्य को भी मन की गति से सम्पन्न कर लेता है।सभी तरह के उपद्रव आत्माओ जनित,सभी
रोग,बंधन आदि को समाप्त कर देता है।
जो साधक इस साधना को
सम्पन्न करना चाहते है,नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके साधना शुल्क जमा करके, पूर्ण साधना सिद्धि विधान अपने email id या
whatsup नंबर पर प्राप्त कर सकते
है।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड भारत
email id
vishnuavtar8@gmail.com
helpline
00917669101100
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Sunday, July 30, 2017
Saturday, July 29, 2017
कलुआ मसान सिद्धि
Wednesday, July 26, 2017
तांत्रिक क्रियाओं से बचे
वर्तमान तांत्रिक क्रियाओं,भूत प्रेत बाँधा, इतर योनियों से बचाव हेतु कार्य ----
जिन परिवारों में तांत्रिक क्रियाएं उनके शत्रु करवाते रहते है,जिन लोगो को बीमारी तो है किंतु डॉक्टरी रिपोर्ट नार्मल आती है ,,दवाई खाने के बाद भी समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है।।
आत्माओ से पीडित लोग जो जगह जगह घूम आये किन्तु ठीक नही हुए,,जो बालाजी आदि फेमस जगह जा चुके है किंतु जिन्न, प्रेत(कुंडापंथी) उनका पीछा नही छोड़ रहे है,
किसी तांत्रिककर्म से किसी ने किसी को मारण कर दिया है वह कोमा में पहुच गया हो अथवा उसकी साँस चल रही हो ,उनको बचाया जा सकता है।उनके ऊपर की चीजें को वापस करके अथवा परिस्थिति अनुसार उनका मारण करके उनको पीड़ित से अलग किया जा सकता है। जिन लोगो को धोखे से कुछ खिला दिया हो,उनको भी ठीक किया जाता है।
जिन लोगो के आत्मा पीड़ित लोग बालाजी में है अथवा जिनको जंजीरो में बांधकर रखा जाता है उनको ठीक किया जाता है।
दिव्य शक्तियों के माध्यम से देश विदेश में भी कार्य सम्भव है,,
पुराने घर ,हवेलियों,कोठियों आदि में वास करने वाली शैतानी आत्माओ को भी मन्त्र शक्ति के बल पर दूर किया जाता है।।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार
उत्तराखण्ड भारत
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Thursday, July 13, 2017
हलदिया मसान सिद्धि
मसान सिद्धि (हलदिया) साधना प्रथम--यह साधना रात्रिकालीन 12 बजे से कृष्णपक्ष की अमावस्या या मंगली,शनि अमावस्या को सिद्ध की जाती है।
यह सिद्धि श्मशान भूमि में बैठकर सिद्ध की जाती है।
यह सिद्धि एक रात की होती है जिसके अन्तर्गत 3 घण्टे का समय लगता है।
मसान सिद्धि होने के बाद साधक सभी कर्म कर सकता है।
यहाँ साधको की जानकारी हेतु हलदिया मसान सिद्धि का वर्णन कर रहा हूँ जो कलयुग में सिद्ध है और योग्य पात्र को सिद्ध भी करायी जाती है।
सिद्धि की जरूरत वाली सामग्री--
आटे का चौमुखा दिया,इसमे रुई की चार बत्ती अलग अलग बनानी है ,कुछ मूर्ख साधक अल्प ज्ञान के कारण 2 बत्ती को बनाकर उनको क्रॉस में रखकर 4 बत्ती बना देते है,ऐसा नही करना है।
दिए में कड़वा तेल अर्थात सरसो का तेल भर दे या चमेली के तेल भी प्रयोग कर सकते है।।
लोबान की अगरबत्ती जलाये, या पीसे हुये लोबान की धूनी रमाय किसी कुंड में या मिट्टी के बर्तन में।
अब ऐसे चिता की जगह तलाश करे जो दिन में जलाई गई हो,उसका सिर और पैरो का ध्यान रखे।
साधक नहा धोकर श्मशान को प्रणाम करके मन को एकाग्रचित्त करके चिता के पैरों की तरफ सफेद वस्त्र धारण करके कुशासन रखकर उस पर बैठ जाये और चिता के मुख की तरफ दूसरा कुशा सन रखकर बीच मे दिया चौमुखा जलाए। उसके पास तांबे के लोटे में जल रखे,चमेली के फूल या मोगरे के फूल रखे,चमेली या मोगरे का इत्र रखे।
इसके पास एक शराब की बोतल,लौंग, कपूर,कचरी, असगंध,छाड़ छबीली सामग्री भी रखे।
माथे पर हनुमान जी का तिलक लगाएं
सबसे पहले उत्तर दिशा की और मुख करके शरीर पवित्रीकरण, सामग्री पवित्रीकरण करे,उसके बाद वास्तु दोष पूजन करे।दिया,धूप शुरू में ही जला देना है।
अगर चिता की कोई अस्थि हो तो उसके सामने रखे।
मिट्टी के कसोरे में मदिरा भर दे।
फिर गुरुमन्त्र एक माला करे।आंखे बंद करके,फिर भगवान शिव का मन्त्र 1 माला करे।अपना सुरक्षा चक्र खींचे,आसन कीलन मन्त्र बोले,शरीर सुरक्षा मन्त्र बोले।संकल्प ले सिद्धि करके जन कल्याण करेंगे।
फिर मन्त्र जाप बन्द आँखो से शुरू कर दे।एक माला पूरी होने पर तुरुन्त दोनों हाथो से चिता मुख के ऊपर या हड्डी पर एक घूंट दारू गिराय, फूल गिराए, इतर का छीटा भी दे,यह कार्य आंखे खोलकर करना होगा और मन्त्र जाप भी चलता रहेगा,उसके बाद आंखे बंद करके मन्त्र जाप करते रहे।
यह क्रिया आपकी चलती रहेगा हर माला पर।
जब मन्त्र जाप शुरू करेंगे तो श्मसान की सभी भटकती आत्माए आपको दिखाई देंगी,कुछ आत्माए आपसे मालूम करेंगी क्यो आय हो क्या चाहिये,उनको मानसिक रूप से कहना सिद्धि प्राप्त कर मनुष्यों की भलाई करूँगा,,इसी बीच आपको अनेक कंकाल आदि दिखेंगे,किन्तु डरे नही धैर्य रखें मन्त्र जाप करते रहे,और एक बात नोट करें कि पूरे मन्त्र जाप में एक लंबा चौड़ा आदमी आपको दिखाई देगा हाथ मे लकड़ी होगी,और एक मोटा से व्यक्ति।।
जब मन्त्र सिद्ध होगा तब मसान में बंद आँखो में आपको एक प्रकाश पुंज सूर्य की तरह प्रतीत होगा और वहां से आवाज आएगी जाओ इनके साथ,तब हलदिया मसान जाग जाएगा और आपके सामने खड़ा हो जाएगा,उस समय साधक को निर्भय होकर उससे बात करनी चाहिये और वचन लेने चाहिये।
सभी सामग्री चिता को अर्पण करके साधक घर आ जाये।
इस तरह हलदिया मसान सिद्ध हो जाता है।
लेकिन यह सिद्धि उनको ही प्राप्त होगी जो मन के साफ है और किसी का बुरा नही चाहते,
कपटी लालची साधको को सिद्धियां नही मिलती ।
हलदिया मसान से षट कर्म कराने का विधान--जब भी किसी पुरुष अथवा स्त्री का वशीकरण,मोहन,उच्चाटन,झगड़ा,स्तम्भन करना होता है तो बन्द कमरे में मन्त्र जाप करेंगे तो मसान प्रकट होगा और आपसे आपका कार्य मालूम करेगा,उसको आप जितने कार्य है सब बता दो,वह हर कार्य का कुछ भोग लेता है जैसे किसी का वशीकरण करना है तो मदिरा एक कुल्हड़,2 अंडे,2 सिगरेट आदि।
यह सभी सामग्री साधक श्मसान में निर्भय होकर किसी भी जलती चिता पर अर्पण कर सकता है,यह भोग मसान ग्रहण करके आपका कार्य करता है।
मारण नही करना चाहिये साधक को कभी भी किसी का।
कुछ मूर्ख साधक श्मसान में ऐसे ही जाकर मसान जगा देते है,जिससे मसान जाग तो जाता है किंतु चिल्लाहट ,चीखे सुनाई पड़ती हैं,, इसमे साधक की जान को खतरा हो जाता है,उसको कंट्रोल करना भारी पड़ जाता है।
डरपोक साधक यह साधना न करे किसी लालच के वशीभूत होकर।
योग्य गुरु के निर्देशन में ही करे।
यह हलदिया मसान साधना है।
दुरुपयोग न हो साधना का इसलिये मन्त्र विधान नही दिया गया।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार ,उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन 00917669101100
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Friday, June 23, 2017
गुरु पूर्णिमा
@गुरु पूर्णिमा 9 जुलाई 2017 ऑनलाइन दीक्षा -जो साधको के पास गुरुमन्त्र नही है,अपना फ़ोटो,माता पिता का नाम,पूरा पता व्हाट्सअप नंबर 00917669101100 पर भेजे।उनको गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु मंत्र प्रदान किया जायेगा। यह मंत्र उन साधको के लिये विशेष शक्तिशाली कार्य करेगा जो सिद्धियों में लीन रहते है। 8 जुलाई तक अपना डिटेल्स भेज दे।
मन्त्र दीक्षा के साथ ही साधक को शिवकृत्या सुरक्षा चक्र भी छोड़ा जायेगा जिससे साधक की किसी भी तरह के तंत्र मंत्र यन्त्र ,काली शक्ति का असर बेअसर होगा,यह शक्ति साधक के शरीर पर 1 साल तक कार्य करेगी।।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा हरिद्वार उत्तराखण्ड
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Wednesday, June 14, 2017
श्मशान भैरवी साधना
श्मसान भैरवी साधना(तामसिक,सात्विक) --
यह साधना अत्यन्त गुप्त है।
इसको सिद्ध करने का विधान 1 दिन का होता है अगर योग्य गुरु आपको इसकी शक्ति सिद्ध कराते है अन्यथा मन्त्र जप से भी इसको सिद्ध किया जा सकता है।
माँ भगवती श्मशानी देवी के बाद यह भैरवी दूसरे नंबर पर आती है।
यह साधक के सभी कार्य सम्पन्न करती है।
योग्य गुरु साधक को शमशान में सूर्यास्त के बाद ले जाते है,पहले महाकाली भद्रकाली की पूजा की जाती है जिसमे भोग स्वरूप नारियल,बतासे,अगरबत्ती आदि का पूजन करते है उनके बाद उनकी बहन श्मशानी महाकाली का पूजन किया जाता है इसमें भोग के रूप में अंडा मदिरा को दिया जाता हैं।
दोनों देवियो को प्रसन्न करने के बाद आज्ञा लेकर साधक को ,गुरु अपने सामने बैठाते है और उसकी आंखें बंद रखने को बोलते है फिर कुछ विशेष मन्त्र पढ़कर साधक के शरीर पर चावल मारते है तब साधक को बंद आँखों मे भैरवी के दर्शन होते है,,इसके बाद गुरु के अनुसार साधक बन्द आँखो में भैरवी से वार्ता करता है और मांस मदिरा की बलि के बदले अपने सभी अच्छे बुरे कार्य करवाने का वचन लेता है तब भैरवी साधक को वचन देकर अपना बलिदान लेकर वापस चली जाती है जब साधक बलिदान में मदिरा की धार लगाता है तो भैरवी अपनी जिह्वया से उसे ग्रहण करती है और कार्य करने का वचन देती है।।
इस तरह से साधक को श्मशान भैरवी सिद्ध हो जाती है और जब भी साधक को यह कार्य करने होते है तो श्मशान में रात्रि को जाकर भैरवी को आवाहन करता है तो भैरवी तुरुन्त आती है और साधक अपने कार्य करवाता है।
इस श्मशान भैरवी का रूप भयंकर होता है
सिर के खुले बाल,आँखो से लगातार रक्त बहता रहता है,लहंगा पहने रहती है,काल की निशानी होती है,,इस शक्ति का प्रयोग साधक सभी कर्मो में करते है ।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड भारत
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Tuesday, May 9, 2017
रक्त भैरुं साधना
रिगतिया भेरू साधना-
यह साधना प्रथम बार में ही सिद्ध होती है अगर साधक प्रथम बार में अनुष्ठान अधूरा छोड़ देता है तो दूसरी बार में उसको कालग्रास बनना होता है।यह एक उग्र साधना है।इसमें साधक रविवार या गुरूवार से साधना शुरू करे।
दिशा उत्तर,कुशासन,वस्त्र लाल या काले,सिंदूर का तिलक लगाये।
भोग में बूंदी के लड्डू,दही बड़े, नमकीन रखे।खुली आँखों से साधना दिये को देखते हुये करे।साधना काल में अनेक भयानक अनुभव होते है।अंतिम दिन रिगतिया भैरू साधक को दिखाई देता है और एक बंद कमल कली पुष्प को साधक के शरीर पर फेंकता है और एक चमकीली किरण बनकर साधक की आँखों के माध्यम से शरीर में सिद्ध हो जाता है।
इनका स्वरुप अत्यंत भयानक होता है,यह एक श्मशानी शक्ति है,इसे रक्तया भेरू भी कहते है।इसके सिद्ध होने पर साधक सभी कार्य करता है।इसकी भुजाय अनंत होती है 21 दिन साधना की जाती है।
1 घण्टा रोज मन्त्र जाप किया जाता है।
गुरु मन्त्र पवित्रीकरण,वास्तुदोष पूजन अनिवार्य है।
दुरुपयोग न हो साधना का,इसलिये मन्त्र नही दिया जा रहा है।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड भारत
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Sunday, May 7, 2017
साधना विधान और उपाय से सिद्ध सिद्धियां सीखें
कलयुग में सिद्धि प्रदान करने वाली साधनाये और न्यौछावर धनराशि दीक्षा}
01 माँ विंध्यवासिनी साधना- दिन 22 ,साधक या साधिका भूतकाल},भविष्यकाल,वर्तमान काल दूरदर्शन की तरह बंद आंखों में देख सकते हैं।
41000 न्योछावर
02 माँ शिव शक्ति चक्रेगमालिनी साधना- दिन 22
शिवजी की शक्ति प्राप्त होती है किसी भी संशय का तुरंत समाधान करती है।त्रिकाल दर्शी हो जाता है।
41000 न्योछावर
03 माँ घण्टा कर्णी यक्षिणी साधना - दिन 22
सिद्धि होने पर साधक जितने कार्य बोलकर सो जाता है तो देवी उसकी आत्मा को निकालकर स्वप्न में दिखाकर दूरदर्शन की स्क्रीन की तरह सभी कार्य सम्पन्न करती है और रोगियों को ठीक करती है।सट्टे का नंबर भी बता देती है।
21000 न्योछावर
04 हमजाद साधना-दिन 41
इस सिद्धि के बल पर साधक भूत भविष्य वर्तमान,आने वाले लोग आपसे क्या मालूम करेंगे ,सब बता देता है।
41000 न्योछावर
05 हमजाद साधना 2- यह साधना 41 दिन की है।
इसमे साधक को विष्णु जी से एक शक्तिशाली योद्धा प्राप्त होता है जो सभी भूत प्रेतों को मार गिराता है।
11000 न्यौछावर
06 शोका पीर सिद्धि- दिन 22
सिद्ध होने पर सभी कार्य करते है।इनको बुलंद शाह पीर के नाम से भी जाना जाता है।रामचन्द्र जी की चौकी से सिद्ध होतेहै।
31000 न्यौछावर
07 श्याम कौर मोहिनी देवी साधना - यह सिद्धि मुस्लिम पद्धति से 41 दिन में ,देव पद्धति से 21 दिन में सिद्ध होती।दोनों का कार्य प्रबल वशीकरण है।
80000 न्यौछावर
08 सुग्रीव साधना-दिन 23
इस साधना में साधक को हनुमानजी की शक्ति प्राप्त होती है।3 वचन में 3 सिद्धियां मिलती हैं।
41000 न्यौछावर
09 शिव कृत्या साधना-दिन 19
इस साधना में साधक संसार के सभी तरह के तंत्र मंत्र यंत्र ,इतर योनि को खत्म कर देता है,रोगी के प्राणों को बचाता है।देवी देवताओं को भी परास्त कर देता है।
180000 न्यौछावर
10 देवी यक्ष कुमारी वरदान साधना -दिन 42
इस साधना में साधक को देवी मनचाहा वरदान प्रदान करती है।
21000 न्यौछावर
11 माँ वज्रयोगिनी साधना -दिन 42
इस साधना से साधक का देह पत्थर हो जाता है जिस पर अस्त्र शस्त्र ,रसायन आदि का कोई प्रभाव नही पड़ता।
60000 न्यौछावर
12 वशीकरण काजल साधना -दिन 3
इस काजल प्रयोग से साधक 3 सेकेण्ड में स्त्री को आंखों के माध्यम से वशीभूत कर देता है।संसार की वशीकरण सिद्धियों में यह उच्च कोटि की साधना है।इस सिद्धि से साधक अरुंधति स्त्री को भी वश में कर लेता है।
280000 न्यौछावर
13 प्रेमिका वशीकरण मछली साधना- दिन 21
प्रेमी जब यह प्रयोग अपनी प्रेमिका के लिये करता है तो प्रेमिका मछली की तरह तड़पते हुई 11 दिन के अंदर प्रेमी से मिलती है।
11000 न्योछावर
14 भैरव सट्टा मन्त्र साधना -दिन 41
इस सिद्धि से साधक सिद्ध होने पर भैरव जी से वचन में सट्टा का नंबर जीवन भर प्रदान करने का वादा करवाता है।
31000 न्योछावर
उपरोक्त सभी सिद्धियां वर्तमान में सिद्ध है और भविष्य में अच्छे कार्य के लिये भी सिद्ध करायी जाएगी।यह साधना विदेशो में भी सिखाई जाती है।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन 00917669101100
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Wednesday, March 29, 2017
कल्कि सेना 21000 साधको की भर्ती
वर्तमान में अफ्रीका ,यूरोप की काली शक्तियाँ भारत में प्रवेश कर गयी है और इनको परास्त करना लोहे के चने चबाने के बराबर है।
यह शक्तियॉं एक सौदा करती है और उसके बादले साधक की आत्मा को अपने साथ ले जाती है काली दुनिया में।
कुछ लोगो ने अपनी इच्छा पूरी करने के चक्कर में इनसे आत्मा का सौदा कर लिया और अपनी आत्मा मृत्यु के बाद उनको बेच दी।
लोग अपनी सांसारिक इच्छा पूरी कर रहे है इनसे सौदा करके।
मरने के बाद ये आत्मा को गुलाम बनाकर मिस्त्र के पिरामिड में पाताल लोक में ले जाकर गुलाम बना देती है।
वर्तमान में यह शक्ति anticries, सेटे निज्म और इल्ल्युमिनिटी के नाम से संगठन बनाकर लोगो को अपनी टीम में जोड़ रही है,ये तीनो संगठन एक ही काली शक्ति के है जो तेजी से भारत भूमि पर आ रही है।
Isis के सभी लोग इस शक्ति के साथ सौदा कर चुके है,इसलिए नरसंहार कर उसका रक्तपान ,माँस इन काली शक्तियों को देते है।
इनके गिरफ्त में विदेशी लोग आ चुके है और देश में भी आ रहे हैं।
इनका चिह्न 666 है जो मॉन्स्टर का उल्टा करके बनता है और इस चिह्न के
नाम से 666 एक शैतानी चिप बनायीं गयी है जिसको हाथ या माथे पर देश के सरकार अनिवार्य रूप लगवाएगी,यह चिप 2020 में लगने की पूरी संभावना है।इस चिप से हीन व्यक्ति को किसी भी तरह की सुविधा नही दी जायेगी।
इन सभी शक्तियों से लड़ने के लिये
21000 धर्म यौद्धा ओ की जरुरत होगी,जो इनसे लड़ सके।
काली शक्तियों की संख्या करोड़ो में है।
यह लड़ाई आत्मिक दुनिया में होगी।
साधको के शरीर से उनकी आत्मा, घर बैठे ही पूजा में ,निकलकर काली शक्तियों से युद्ध करने के लिये जायेगी।
युद्ध में इन साधको की आत्माओंको काली शक्ति से लड़ने के लिये कुछ विशेष सिद्धियों की जरुरत होगी जो निम्न है-
1 आत्मिक रूप में 100 हाथियों का बल
किसी भी काली शक्ति के हमले को सहन करने के लिये
2 कृत्या शक्ति काली शक्तियों को परास्त करने के लिये
जब आत्मा से कृत्या का आवाहन किया जाता है तो कृत्या प्रकट होकर आदेशनुसार काली शक्तियों का मारण करती है,परास्त करती है।
3भूत भविष्य वर्तमान जानने की शक्ति
साधक को कल क्या होने वाला है पता चल जायेगा।
इन शक्तियों से युद्ध होने पर यह परास्त होकर वापस चली जायेंगी।
इन तीनो संगठन को खत्म करने के लिये यह कल्कि सेना धर्मयोद्धा संगठन (KSDS) तैयार हो चूका है। ऑनलाइन माध्यम से धर्मयोद्धाओ को तैयार किया जायेगा।
अगर भविष्य में बड़ी काली शक्तियों से लड़ना पड़ेगा तो योद्धाओ को देवी देवताओं से बड़े बड़े अस्त्र शस्त्र सिद्धि करके प्राप्त करने होंगे और शत्रुओं को परास्त करना होगा।
उचित समय पर उचित सिद्धियां धर्मयोद्धाओ को सिद्ध करायी जाएंगी।
कामी,मोह माया लिप्त साधक दूर रहे।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन 0917669101100
emailid vishnuavtar8@gmail.com
Monday, March 20, 2017
गुल्फ़ाम परी सिद्धि
गुल्फ़ाम परी मन्त्र साधना
यह सिद्धि 8 दिन की है ।
786 माला 8 दिन में पूरी करनी होती है।
इस सिद्धि में गुल्फ़ाम परी साधक की पत्नी बनकर रहती है।
यह सिद्धि बट वृक्ष के नीचे बैठकर सिद्ध की जाती है।
सिद्धि सामग्री-
सफ़ेद वस्त्र
सफ़ेद आसन
सफ़ेद हकीक माला
दिशा पूर्व
मन्त्र जाप दाहिने हाथ के अंगूठे और मध्यमा ऊँगली से
समय रात्रि 11 बजे से
चमेली का इत्र
चमेली की अगरबत्ती
चमेली के फूल
शुद्ध देशी घी का सफ़ेद हलवा
पेड़ की दाढ़ी होनी चाहिये।
सिर पर सफ़ेद कपडा धारण करे।
यह सिद्धि शुक्रवार से प्रारम्भ करके शुक्रवार को ही समाप्त करे।
मन्त्र
गुल्लू गुल्लू गुल्ल,गुल्लू में गुलशन,गुलशन में गुल्फ़ाम परी आगच्छ फट् ।
जब यह परी सिद्ध हो जाती है तब साधक के सामने प्रकट होती है तो साधक को तुरंत चमेली के फूलो की माला परी के गले डाल देनी चाहिये और वचन ले लेने चाहिए।
साधक के सभी कार्य करते है।
यह परी सफ़ेद वस्त्र धारण किये हुये कमर पर पंख लगाये हुये ,हाथ में एक छडी धारण किये होती है।
गुरु देव अशोक कुमार चंद्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन
07669101100
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Wednesday, February 22, 2017
ब्रह्मचक्र
इस सुरक्षा चक्र में काली देवी लक्ष्मी देवी सरस्वती देवी,त्रिदेव शक्ति ब्रह्मा विष्णु महेश को मन्त्र अनुष्ठान के माध्यम से चक्र में सभी शक्तियो को प्रवेश कराकर सिद्ध ब्रह्मचक्र का निर्माण किया जाता है।
इस चक्र में भूत दाना,प्रेतदाना,चुडेल दाना ,आदि शक्तियो से सिद्ध किया जाता है।
सिद्ध होने के बाद चक्र जाग्रत अवस्था में आ जाता है जिसे गले में काले धागे में धारण किया जाता है।
ब्रह्मचक्र धारणकर्ता की पर्याप्त सुरक्षा होती है।उसको कोई भी वाह्य शक्ति नुकसान नही कर सकती है।
भूत,प्रेत,भटकती आत्माए,इतर योनियाँ,काला जादू,तांत्रिक मुठकरनी, चौकी, लाट, जिन,जिब्राएल,परी दोष,गढ़ंत दोष,पिशाच,ब्रह्मराक्षस,डाकिनी,शाकिनी,ओपरे,नजर आदि हवाएँ इस चक्र से ट कराकर वापस चली जाती है और धारणकर्ता से दूर हो जाती है।
जिन साधको को मन्त्र जाप के समय सुरक्षा का भय बना रहता है ,इसको धारण कर सकते है , किन्तु सिद्धि के समय उनको आवाजे सुनाई दे सकती है या कोई दृश्य दिख सकता है किन्तु डरे नही ,वह आपसे दूर होगी ।
जिन लोगो को शारीरिक बीमारी जो रहस्यमय तरीके की होती है जिनको डॉक्टर भी नही बता पाते और ठीक नही कर सकते ,ऐसे लोग भी इसको धारण कर सकते है और जो भी शक्ति उनके शरीर को बीमार कर रही है ,वह इस चक्र के धारण कर्ता को छोड़कर भाग जाती है।इससे उनके शरीर की रहस्यमय बीमारी ठीक हो जाती है।
इन आत्माओ जनित बीमारी में मुख्य रूप से रात को नींद न आना ,अचानक नींद टूट जाना,शरीर में दर्द रहना,काम में मन न लगना, घर में ही रहना,बुखार लगातार रहना,भूख न लगना या लगातार खूब सारा खाना खा लेना ,अकेले में अपने आप से बात करना आदि प्रमुख है।
इसको धारण करके साधक साधना में पूर्ण सफल होते है और तांत्रिक बन्धनों से मुक्त होते है।
साधक की पर्याप्त सुरक्षा होती है।
जो लोग घर में अकेले रहते है या उनको आत्माओ से डर लगता है इसको धारण कर सकते है।
रात को कमरे में किसी अदृश्य शक्ति का आभास होना,पैरों की आहट सुनाई देना,आवाज सुनकर नींद टूटना,सोते समय मुँह से आवाज़ न निकलना,खूब चिल्लाना पर कोई फर्क न पड़े,अदृश्य शक्ति का हमला ,सोते समय दम घुटना आदि।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
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Thursday, February 16, 2017
कृत्या साधना
शैतान वशीकरण साधना-यह साधना बहुत ही प्राचीन विद्या है, इस साधना के अंतर्गत साधक या साधिका को एक शक्तिशाली शैतानी जिन्नात सिद्ध होता है। इसक...