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Friday, August 25, 2017

लौंग वशीकरण

Online long vashikaran _ऑनलाइन लौंग वशीकरण---
यह वशीकरण मंत्र से सिद्ध लौंग जो भी प्राणी खाते है,वह पूर्णतया खिलाने वाले स्त्री या पुरुष के वश में हो जाते है।यह प्राणी तन मन धन प्राण से बशीभूत हो जाता है अर्थात मोहित हो जाता है।
यह लौंग विशेष मन्त्र साधना के बल पर सिद्ध कर तैयार की जाती है।
अगर किसी स्त्री का पति किसी दूसरी स्त्री के साथ हो या किसी पुरुष की स्त्री दूसरे पुरुष के साथ हो तो उसको यह लोंग खिलाने पर नाजायज सम्बन्ध टूट जाते है और परिवार में पहले जैसी खुशहाली आ जाती है।
तंत्र मंत्र की दुनिया मे ऐसे सिद्ध लौंग को ''लौंग शाबरी मोहिनी ''कहा जाता है।जिन लोगो की शादी में बांधा होती है अगर वे इस लौंग को खिलाएं तो शादी तय हो जाती है।
पति पत्नी में अगर छोटी छोटी बातों पर अक्सर लड़ाई झगड़े होते है तो इसका प्रयोग करने लड़ाई झगड़े शांत हो जाते है।
यह लोंग वशीकरण सुविधा विदेशों में भी उपलब्ध है।
इस का प्रभाव खाने वाले स्त्री पुरुष पर आजीवन रहता है,इसमे कामाख्या मन्त्र को सम्पुटित करके सिद्ध किया जाता है।

प्रयोगकर्ता इसको ऑनलाइन आर्डर कर सकते है।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखंड भारत
हेल्पलाइन
00917669101100
00918868035065
00919997107192
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vishnuavtar8@gmail.com

Wednesday, August 23, 2017

भूत सिद्धि

@ भैरव भूत सिद्धि @
यह अत्यंत प्राचीन साधना है।यह एक दिन की साधना है।इस साधना का योग कई सालो में वर्ष में 2 बार बनता है। वर्ष 2017 में यह योग 16 सितंबर शनिवार ,को आ रहा है।जब रवि या शनि में पुष्य नक्षत्र हो तब यह भूत सिद्धि होती है।
यह साधना बन्द कमरे में साधक करता है तो उसके चारो तरफ का वातावरण शांत होना चाहिए।
अगर घर पर सुविधा नही है तो किसी सुनसान खण्डहर या नदी के किनारे कर सकता है।
यह एक शक्तिशाली भैरव भूत अर्थात गण है।सावधान होकर ही इसकी सिद्धि करे।
11 माला मन्त्र जाप करना है।
माला रुद्राक्ष की होनी चाहिए।इसको गोमुखी में रखे।
दाहिने हाथ के अंगूठा और बीच की ऊँगली से मन्त्र जाप करे।यह एक उग्र भूत है।गुरु कृपा और आशीर्वाद से ही इसको प्राप्त किया जाता है।
कुशासन या लाल कम्बल का आसन लगाए और सुखासन में बैठे।
यह सिद्धि पूर्व दिशा में होती है।
सबसे पहले लोबान की धूप जलाये और तेल का चिराग जो कम से कम 8 घण्टे जल सके।उग्र भैरव रूप की मूर्ति स्थापित करे।उस पर तेल कड़वा और सिंदूर चढाये।दाहिनी तरफ जल का पात्र रखे।
माथे पर सिंदूर का तिलक लगाए।
लाल वस्त्र धारण करे।यह तीव्र साबर मन्त्र है।
सबसे पहले पवित्रीकरण,वास्तुदोष पूजन,गुरुपूजन करे ।इसके बाद भैरव पूजन कर भूत सिद्धि का मन्त्र जाप शुरू करे। जब साधक की 11 वी माला शुरू होती है तो साधक के सामने एक धुँए की आकृति से धीरे धीरे भूत का निर्माण होता है,तब साधक मन्त्र जाप पूरा करके उससे वचन, बिना भयभीत और डर के ले ले।भूत साधक को वचन दे देता है।
जैसे ही भूत साधक को वचन दे दे तो साधक को उसके तुरंत बाद जलपात्र से थोडा सा जल हाथ में लेकर भूत के ऊपर फ़ेंक दे,इस विधि से भूत साधक के पूर्ण रूप से वश में हो जाता है।
जब भी साधक भूत को कोई कार्य देता है उसको भूत तुरंत कर साधक को सुचना देता है।यह भूत वशीकरण,मारण आदि कार्यो को करने में निपुण होता है।
अतः साधक इसका गलत प्रयोग न करे।
यह योग इस वर्ष रविवार और शनिवार को पुष्य नक्षत्र के होने से बन रहा है।
।।।।।मन्त्र।।।।।।
काली काली महाकाली
इंद्र की पुत्री ब्रह्मा की माली
मरे मसानों दे ताली
चाकले खाय,काला काली का जाय
कीले चार खूंट के भूत
कीला हुआ भूत हुआ निराला,पड़े चाकले खाय काला।
मसानिया वीर वज्र की काया,जिह करन नरसिंह धाया
अपनी चौकी बैठाया
शब्द साँचा पिण्ड वाचा
चलो मन्त्र ईश्वरो वाचा
गुरु अशोक कुमार चंद्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन whats up
0917669101100
0918868035065
0919997107192

Tuesday, August 22, 2017

देवी सरस्वती साधना

देवी सरस्वती साधना--यह साधना 11 दिन की है।साधक इस साधना में 11 माला जप रोज करे।
यह मन्त्र स्वयं सिद्ध है।
दिशा पूर्व,वस्त्र ,आसन ,माला सफेद रंग की हो।
यह साधना किसी भी समय साधक सुबह को शुरू कर सकते है।
सिद्ध होने के बाद साधक 108 बार मन्त्र से अभिमंत्रित करके ब्राह्मी घी को खाय।
साधक की जिह्वया पर देवी सरस्वती का वास हो जाता है।
मन्त्र--
ॐ ह्रीम ऐम ह्रीम ॐ सरस्वत्यै नमः
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन 00917669101100
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Sunday, August 20, 2017

कर्ण पिशाचिनी साधना

कर्णपिशाचिनी साधना--

ॐ ह्रीम कर्ण पिशाचिनी वाग्वादिनी वाग्वादिनी हुम् फट स्वाहा।

विधि-यह साधना और मन्त्र अत्यंत दुर्लभ है।यह 7 दिन की सिद्धि होती है।
यह मन्त्र किसी भी पुस्तक में नही मिलेगा।
यह गुरूमखी मन्त्र है जो गुरु प्रथा से चलता है।
साधक काले वस्त्र,काले आसन पर बैठकर अपने सामने पूजा सामग्री लगाकर मन्त्र सिद्ध करता है। साधना के चौथे दिन से साधक के कानों में आवाज आनी शुरू हो जाती है और 5,6,अंतिम दिन कर्णपिशाचिनी नग्न अवस्था मे साधक के सामने आती है और भयभीत करती है किंतु साधक को डरना नही चाहिये।
जो साधक यह साधना सम्पन्न करना चाहते है वह साधना शुल्क देकर साधना विधान प्राप्त कर सिद्धि करके जन कल्याण कर सकते है।
यह देवी उग्र शक्ति है।सिद्धि विधान साधक की email id या whatsup पर दिया जाएगा।
यह देवी 35 वर्षीय सुंदर स्त्री रूप में सफेद वस्त्र धारण किये होती है।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा हरिद्वार उत्तराखण्ड भारत
email id
vishnuavtar8@mail.com
Helpline
00917669101100

लिंक पर क्लिक करके साधना प्राप्त करे
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Saturday, August 19, 2017

शिव कृत्या सिद्धि

शिव कृत्या साधना---

ॐ  क्लीम क्लीम शत्रुणाम मोहये उच्चाटये मारये वचन सिद्धि मम आज्ञा पालय पालय कृत्याम सिद्धि फट ।

विधि- यह साधना अत्यंत दुर्लभ है।इसका सिद्धि विधान अमावस्या या मंगलवार या होली या दीपावली से शुरू किया जाता है।काले वस्त्र,काला आसन ,शिव पूजन आदि सम्पन्न करके सिद्ध की जाती है।
इस सिद्धि में साधक के सामने 3 देवी कृत्याय प्रकट होती है,एक मारण कृत्या,दूसरी मोहन कृत्या, तीसरी उच्चाटन कृत्या।।
इस मंत्र को सिद्ध करने के बाद साधक घर बैठे हजारो मील दूर के कार्य को भी मन की गति से सम्पन्न कर लेता है।सभी तरह के उपद्रव आत्माओ जनित,सभी रोग,बंधन आदि को समाप्त कर देता है।
जो साधक इस साधना को सम्पन्न करना चाहते है,नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके साधना शुल्क जमा करके, पूर्ण साधना सिद्धि विधान अपने email id या whatsup नंबर पर प्राप्त कर सकते है।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा हरिद्वार उत्तराखण्ड भारत
email id
vishnuavtar8@gmail.com
helpline
00917669101100

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Sunday, July 30, 2017

ग्रहण साधना

ग्रहण काल मे जो साधक लौंग वशीकरण साधना सिद्ध करना चाहते है एक दिन की ,कर सकते हैं।

Saturday, July 29, 2017

कलुआ मसान सिद्धि

कलुआ मसान (कालिया मसान,कालूवीर,काला वीर,काला कलवा) तंत्र मंत्र सिद्धि विधि----
यह साधना रात्रिकालीन 12 बजे से श्मशान में शुरू की जाती है।

साधक डरपोक नही होना चाहिये।भीरु कायर भी नही होना चाहिये।
किसी भयानक चेहरे अथवा किसी भयानक आवाज को सुनकर डर कर भागना नही चाहिए।
सामग्री--साधक को यह सभी सामग्री बाजार से लेनी चाहिये,,
एक मुर्गी का देशी अंडा
एक दारू देशी की बोतल
5 नींबू
50 ग्राम काले तिल
50 ग्राम राई 
250 ग्राम सरसो का तेल 
5 लौंग
1.25मीटर लाल कपड़ा
दिया
रुई की बाती 
माचिस
चमेली या मोगरे का 50 ग्राम इतर (अत्तर, इत्र, अतर)
शमशान में गुरु को साथ ले जाये।।
जिनके गुरु नही है वो न करे।
यह सिद्धि शनिवार ,अमावस्या को सिद्ध की जाती है।
साधक चिता के चरणों मे बैठकर मध्य में कपड़ा विछाकर सभी सामग्री लगाय,,
फिर 101 बार महाकाली -महाकाली का नाम लेकर प्रत्येक नाम पर अंडे पर एक एक फूंक मारता जाए।इसके बाद अंडा (देशी) दोनों हाथ से उठाकर चिता के सिर पर रख दे और फिर मदिरा की धार दे। तब साधक को भयंकर आँधी जैसा लगेगा और चिता के सिर के तरफ एक बबूला दिखेगा साधक को उसमे 5 लौंग फेंकनी चाहिये,फिर काले तिल।।
तब जमीन उखडेगी और साधक को कलुआ मसान के दर्शन होंगे तब साधक मसान को इत्र चढ़ाए।नमस्कार करे और वचन ले।
तब वचन होने के बाद उससे उसकी कोई अस्थि मांगे जिससे आप उसको बुला सको,,तब आपको उसके हाँ कहते ही बबंडर में प्रवेश करना है तो कलुआ मसान भूमि में वापस चला जायेगा और जमीन पर जो अस्थि आपने मांगी होगी वह रह जायेगी,उस अस्थि को एकदम नही उठाना,उसको श्मशान के किसी भी बन्धन मन्त्र से बांध कर उठाना है,फिर सभी सामग्री चिता को अर्पण करके अस्थि को अपने साथ लेकर घर आ जाय।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा हरिद्वार
उत्तराखण्ड
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Wednesday, July 26, 2017

तांत्रिक क्रियाओं से बचे

वर्तमान तांत्रिक क्रियाओं,भूत प्रेत बाँधा, इतर योनियों से बचाव हेतु कार्य ----
जिन परिवारों में तांत्रिक क्रियाएं  उनके शत्रु करवाते रहते है,जिन लोगो को बीमारी तो है किंतु डॉक्टरी रिपोर्ट नार्मल आती है ,,दवाई खाने के बाद भी समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है।।
आत्माओ से पीडित लोग जो जगह जगह घूम आये किन्तु ठीक नही हुए,,जो बालाजी आदि फेमस जगह जा चुके है किंतु जिन्न, प्रेत(कुंडापंथी) उनका पीछा नही छोड़ रहे है,
किसी तांत्रिककर्म से किसी ने किसी को मारण कर दिया है वह कोमा में पहुच गया हो अथवा उसकी साँस चल रही हो ,उनको बचाया जा सकता है।उनके ऊपर की चीजें को वापस करके अथवा परिस्थिति अनुसार उनका मारण करके उनको पीड़ित से अलग किया जा सकता है। जिन लोगो को धोखे से कुछ खिला दिया हो,उनको भी ठीक किया जाता है।
जिन लोगो के आत्मा पीड़ित लोग बालाजी में है अथवा जिनको जंजीरो में बांधकर रखा जाता है उनको ठीक किया जाता है।
दिव्य शक्तियों के माध्यम से देश विदेश में भी कार्य सम्भव है,,
पुराने घर ,हवेलियों,कोठियों आदि में वास करने वाली शैतानी आत्माओ को भी मन्त्र शक्ति के बल पर दूर किया जाता है।।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड भारत
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Thursday, July 13, 2017

हलदिया मसान सिद्धि

मसान सिद्धि (हलदिया) साधना प्रथम--यह साधना रात्रिकालीन 12 बजे से कृष्णपक्ष की अमावस्या या मंगली,शनि अमावस्या को सिद्ध की जाती है।
यह सिद्धि श्मशान भूमि में बैठकर सिद्ध की जाती है।
यह सिद्धि एक रात की होती है जिसके अन्तर्गत 3 घण्टे का समय  लगता है।
मसान सिद्धि होने के बाद साधक सभी कर्म कर सकता है।
यहाँ साधको की जानकारी हेतु हलदिया मसान सिद्धि का वर्णन कर रहा हूँ जो कलयुग में सिद्ध है और योग्य पात्र को सिद्ध भी करायी जाती है।
सिद्धि की जरूरत वाली सामग्री--
आटे का चौमुखा दिया,इसमे रुई की चार बत्ती अलग अलग बनानी है ,कुछ मूर्ख साधक अल्प ज्ञान के कारण 2 बत्ती को बनाकर उनको क्रॉस में रखकर 4 बत्ती बना देते है,ऐसा नही करना है।
दिए में कड़वा तेल अर्थात सरसो का तेल भर दे या चमेली के तेल भी प्रयोग कर सकते है।।
लोबान की अगरबत्ती जलाये, या पीसे हुये लोबान की धूनी रमाय किसी कुंड में या मिट्टी के बर्तन में।
अब ऐसे चिता की जगह तलाश करे जो दिन में जलाई गई हो,उसका सिर और पैरो का ध्यान रखे।
साधक नहा धोकर श्मशान को प्रणाम करके मन को एकाग्रचित्त करके चिता के पैरों की तरफ सफेद वस्त्र धारण करके कुशासन रखकर उस पर बैठ जाये और चिता के मुख की तरफ दूसरा कुशा सन रखकर बीच मे दिया चौमुखा जलाए। उसके पास तांबे के लोटे में जल रखे,चमेली के फूल या मोगरे के फूल रखे,चमेली या मोगरे का इत्र रखे।
इसके पास एक शराब की बोतल,लौंग, कपूर,कचरी, असगंध,छाड़ छबीली सामग्री भी रखे।
माथे पर हनुमान जी का तिलक लगाएं
सबसे पहले उत्तर दिशा की और मुख करके शरीर पवित्रीकरण, सामग्री पवित्रीकरण करे,उसके बाद वास्तु दोष पूजन करे।दिया,धूप शुरू में ही जला देना है।
अगर चिता की कोई अस्थि हो तो उसके सामने रखे।
मिट्टी के कसोरे में मदिरा भर दे।
फिर गुरुमन्त्र एक माला करे।आंखे बंद करके,फिर भगवान शिव का मन्त्र 1 माला करे।अपना सुरक्षा चक्र खींचे,आसन कीलन मन्त्र बोले,शरीर सुरक्षा मन्त्र बोले।संकल्प ले सिद्धि करके जन कल्याण करेंगे।
फिर मन्त्र जाप बन्द आँखो से शुरू कर दे।एक माला पूरी होने पर तुरुन्त दोनों हाथो से चिता मुख के ऊपर या हड्डी पर एक घूंट दारू गिराय, फूल गिराए, इतर का छीटा भी दे,यह कार्य आंखे खोलकर करना होगा और मन्त्र जाप भी चलता रहेगा,उसके बाद आंखे बंद करके मन्त्र जाप करते रहे।
यह क्रिया आपकी चलती रहेगा हर माला पर।
जब मन्त्र जाप शुरू करेंगे तो श्मसान की सभी भटकती आत्माए आपको दिखाई देंगी,कुछ आत्माए आपसे मालूम करेंगी क्यो आय हो क्या चाहिये,उनको मानसिक रूप से कहना सिद्धि प्राप्त कर मनुष्यों की भलाई करूँगा,,इसी बीच आपको अनेक कंकाल आदि दिखेंगे,किन्तु डरे नही धैर्य रखें मन्त्र जाप करते रहे,और एक बात नोट करें कि पूरे मन्त्र जाप में एक लंबा चौड़ा आदमी आपको दिखाई देगा हाथ मे लकड़ी होगी,और एक मोटा से व्यक्ति।।
जब मन्त्र सिद्ध होगा तब मसान में बंद आँखो में आपको एक प्रकाश पुंज सूर्य की तरह प्रतीत होगा और वहां से आवाज आएगी जाओ इनके साथ,तब हलदिया मसान जाग जाएगा और आपके सामने खड़ा हो जाएगा,उस समय साधक को निर्भय होकर उससे बात करनी चाहिये और वचन लेने चाहिये।
सभी सामग्री चिता को अर्पण करके साधक घर आ जाये।
इस तरह हलदिया मसान सिद्ध हो जाता है।
लेकिन यह सिद्धि उनको ही प्राप्त होगी जो मन के साफ है और किसी का बुरा नही चाहते,
कपटी लालची साधको को सिद्धियां नही मिलती ।
हलदिया मसान से षट कर्म कराने का विधान--जब भी किसी पुरुष अथवा स्त्री का वशीकरण,मोहन,उच्चाटन,झगड़ा,स्तम्भन करना होता है तो बन्द कमरे में मन्त्र जाप करेंगे तो मसान प्रकट होगा और आपसे आपका कार्य मालूम करेगा,उसको आप जितने कार्य है सब बता दो,वह हर कार्य का कुछ भोग लेता है जैसे किसी का वशीकरण करना है तो मदिरा एक कुल्हड़,2 अंडे,2 सिगरेट आदि।
यह सभी सामग्री साधक श्मसान में निर्भय होकर किसी भी जलती चिता पर अर्पण कर सकता है,यह भोग मसान ग्रहण करके आपका कार्य करता है।
मारण नही करना चाहिये साधक को कभी भी किसी का।
कुछ मूर्ख साधक श्मसान में ऐसे ही जाकर मसान जगा देते है,जिससे मसान जाग तो जाता है किंतु चिल्लाहट ,चीखे सुनाई पड़ती हैं,, इसमे साधक की जान को खतरा हो जाता है,उसको कंट्रोल करना भारी पड़ जाता है।
डरपोक साधक यह साधना न करे किसी लालच के वशीभूत होकर।
योग्य गुरु के निर्देशन में ही करे।
यह हलदिया मसान साधना है।
दुरुपयोग न हो साधना का इसलिये मन्त्र विधान नही दिया गया।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार ,उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन 00917669101100
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vishnuavtar8@gmail.com

Friday, June 23, 2017

गुरु पूर्णिमा

@गुरु पूर्णिमा 9 जुलाई 2017 ऑनलाइन दीक्षा -जो साधको के पास गुरुमन्त्र नही है,अपना फ़ोटो,माता पिता का नाम,पूरा पता व्हाट्सअप नंबर 00917669101100 पर भेजे।उनको गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु मंत्र प्रदान किया जायेगा। यह मंत्र उन साधको के लिये विशेष शक्तिशाली कार्य करेगा जो सिद्धियों में लीन रहते है। 8 जुलाई तक अपना डिटेल्स भेज दे।
मन्त्र दीक्षा के साथ ही साधक को शिवकृत्या सुरक्षा चक्र भी छोड़ा जायेगा जिससे साधक की किसी भी तरह के तंत्र  मंत्र यन्त्र  ,काली शक्ति का असर बेअसर होगा,यह शक्ति साधक के शरीर पर 1 साल तक कार्य करेगी।।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा हरिद्वार उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन 00917669101100
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Wednesday, June 14, 2017

श्मशान भैरवी साधना

श्मसान भैरवी साधना(तामसिक,सात्विक) --
यह साधना अत्यन्त गुप्त है।
इसको सिद्ध करने का विधान 1 दिन का होता है अगर योग्य गुरु आपको इसकी शक्ति सिद्ध कराते है अन्यथा मन्त्र जप से भी इसको सिद्ध किया जा सकता है।
माँ भगवती श्मशानी देवी के बाद यह भैरवी दूसरे नंबर पर आती है।
यह साधक के सभी कार्य सम्पन्न करती है।
योग्य गुरु साधक को शमशान में सूर्यास्त के बाद ले जाते है,पहले महाकाली भद्रकाली की पूजा की जाती है जिसमे भोग स्वरूप नारियल,बतासे,अगरबत्ती आदि का पूजन करते है उनके बाद उनकी बहन श्मशानी महाकाली का पूजन किया जाता है इसमें भोग के रूप में अंडा मदिरा को दिया जाता हैं।
दोनों देवियो को प्रसन्न करने के बाद आज्ञा लेकर साधक को ,गुरु अपने सामने बैठाते है और उसकी आंखें बंद रखने को बोलते है फिर कुछ विशेष मन्त्र पढ़कर साधक के शरीर पर चावल मारते है तब साधक को बंद आँखों मे भैरवी के दर्शन होते है,,इसके बाद गुरु के अनुसार साधक बन्द आँखो में भैरवी से वार्ता करता है और मांस मदिरा की बलि के बदले अपने सभी अच्छे बुरे कार्य करवाने का वचन लेता है तब भैरवी साधक को वचन देकर अपना बलिदान लेकर वापस चली जाती है जब साधक बलिदान में मदिरा की धार  लगाता है तो भैरवी अपनी जिह्वया से उसे ग्रहण करती है  और कार्य करने का वचन देती है।।
इस तरह से साधक को श्मशान भैरवी सिद्ध हो जाती है और जब भी साधक को यह कार्य करने होते है तो श्मशान में रात्रि को जाकर भैरवी को आवाहन करता है तो भैरवी तुरुन्त आती है और साधक अपने कार्य करवाता है।
इस श्मशान भैरवी का रूप भयंकर होता है
सिर के खुले बाल,आँखो से लगातार रक्त बहता रहता है,लहंगा पहने रहती है,काल की निशानी होती है,,इस शक्ति का प्रयोग साधक सभी कर्मो में करते है ।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड भारत
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Tuesday, May 9, 2017

रक्त भैरुं साधना

रिगतिया भेरू साधना-
यह साधना प्रथम बार में ही सिद्ध होती है अगर साधक प्रथम बार में अनुष्ठान अधूरा छोड़ देता है तो दूसरी बार में उसको कालग्रास बनना होता है।यह एक उग्र साधना है।इसमें साधक रविवार या गुरूवार से साधना शुरू करे।
दिशा उत्तर,कुशासन,वस्त्र लाल या काले,सिंदूर का तिलक लगाये।
भोग में बूंदी के लड्डू,दही बड़े, नमकीन रखे।खुली आँखों से साधना दिये को देखते हुये करे।साधना काल में अनेक भयानक अनुभव होते है।अंतिम दिन रिगतिया भैरू साधक को दिखाई देता है और एक बंद कमल कली पुष्प को साधक के शरीर पर फेंकता है और एक चमकीली किरण बनकर साधक की आँखों के माध्यम से शरीर में सिद्ध हो जाता है।
इनका स्वरुप अत्यंत भयानक होता है,यह एक श्मशानी शक्ति है,इसे रक्तया भेरू भी कहते है।इसके सिद्ध होने पर साधक सभी कार्य करता है।इसकी भुजाय अनंत होती है 21 दिन साधना की जाती है।
1 घण्टा रोज मन्त्र जाप किया जाता है।
गुरु मन्त्र पवित्रीकरण,वास्तुदोष पूजन अनिवार्य है।
दुरुपयोग न हो साधना का,इसलिये मन्त्र नही दिया जा रहा है।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड भारत
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Sunday, May 7, 2017

साधना विधान और उपाय से सिद्ध सिद्धियां सीखें

कलयुग में सिद्धि प्रदान करने वाली साधनाये और न्यौछावर धनराशि दीक्षा}
01 माँ विंध्यवासिनी साधना- दिन 22 ,साधक या साधिका भूतकाल},भविष्यकाल,वर्तमान काल दूरदर्शन की तरह बंद आंखों में देख सकते हैं।
41000 न्योछावर

02 माँ शिव शक्ति चक्रेगमालिनी साधना- दिन 22
शिवजी की शक्ति प्राप्त होती है किसी भी संशय का तुरंत समाधान करती है।त्रिकाल दर्शी हो जाता है।
41000 न्योछावर

03 माँ घण्टा कर्णी यक्षिणी साधना - दिन 22
सिद्धि होने पर साधक जितने कार्य बोलकर सो जाता है तो देवी उसकी आत्मा को निकालकर स्वप्न में दिखाकर दूरदर्शन की स्क्रीन की तरह सभी कार्य सम्पन्न करती है और रोगियों को ठीक करती है।सट्टे  का नंबर भी बता देती है।
21000 न्योछावर

04 हमजाद साधना-दिन 41
इस सिद्धि के बल पर साधक भूत भविष्य वर्तमान,आने वाले लोग आपसे क्या मालूम करेंगे ,सब बता देता है।
41000 न्योछावर

05 हमजाद साधना 2- यह साधना 41 दिन की है।
इसमे साधक को विष्णु जी से एक शक्तिशाली योद्धा प्राप्त होता है जो सभी भूत प्रेतों को मार गिराता है।
11000 न्यौछावर

06 शोका पीर सिद्धि- दिन 22
सिद्ध होने पर सभी कार्य करते है।इनको बुलंद शाह पीर के नाम से भी जाना जाता है।रामचन्द्र जी की चौकी से सिद्ध होतेहै।
31000 न्यौछावर

07 श्याम कौर मोहिनी देवी साधना - यह सिद्धि मुस्लिम पद्धति से 41 दिन में ,देव पद्धति से 21 दिन में सिद्ध होती।दोनों का कार्य प्रबल वशीकरण है।
80000 न्यौछावर

08 सुग्रीव साधना-दिन 23
इस साधना में साधक को हनुमानजी की शक्ति प्राप्त होती है।3 वचन में 3 सिद्धियां मिलती हैं।
41000 न्यौछावर

09 शिव कृत्या साधना-दिन 19
इस साधना में साधक संसार के सभी तरह के तंत्र मंत्र यंत्र ,इतर योनि को खत्म कर देता है,रोगी के प्राणों को बचाता है।देवी देवताओं को भी परास्त कर देता है।
180000 न्यौछावर

10 देवी यक्ष कुमारी वरदान साधना -दिन 42
इस साधना में साधक को देवी मनचाहा वरदान प्रदान करती है।
21000 न्यौछावर

11  माँ वज्रयोगिनी साधना -दिन 42
इस साधना से साधक का देह पत्थर हो जाता है जिस पर अस्त्र शस्त्र ,रसायन आदि का कोई प्रभाव नही पड़ता।
60000 न्यौछावर

12  वशीकरण काजल साधना -दिन 3
इस काजल प्रयोग से साधक 3 सेकेण्ड में स्त्री को आंखों के माध्यम से वशीभूत कर देता है।संसार की वशीकरण सिद्धियों में यह उच्च कोटि की साधना है।इस सिद्धि से साधक अरुंधति स्त्री को भी वश में कर लेता है।
280000 न्यौछावर

13 प्रेमिका वशीकरण मछली साधना- दिन 21
प्रेमी जब यह प्रयोग अपनी प्रेमिका के लिये करता है तो प्रेमिका मछली की तरह तड़पते हुई 11 दिन के अंदर प्रेमी से मिलती है।
11000 न्योछावर

14 भैरव सट्टा मन्त्र साधना -दिन 41
इस सिद्धि से साधक सिद्ध होने पर भैरव जी से वचन में सट्टा का नंबर जीवन भर प्रदान करने का वादा करवाता है।
31000 न्योछावर

उपरोक्त सभी सिद्धियां वर्तमान में सिद्ध है और भविष्य में अच्छे कार्य के लिये भी सिद्ध करायी जाएगी।यह साधना विदेशो में भी सिखाई जाती है।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन 00917669101100
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शैतान वशीकरण साधना-यह साधना बहुत ही प्राचीन विद्या है, इस साधना के अंतर्गत साधक या साधिका को एक शक्तिशाली शैतानी जिन्नात सिद्ध होता है। इसक...