अम्बिका देवी साधना-
यह साधना
21 दिन की है।
22वे दिन हवन किया जाता है।
सिद्धि प्राप्त होने
के बाद साधक को दिव्य दृष्टि प्राप्त हो जाती है।
किसी भी प्राणी का भूत भविष्य वर्तमान देख सकता है।
देवी अम्बिका साधक को ध्वनि तरंगों के माध्यम से आवाज देकर वार्ता करती है।
यह साधना सात्विक है।
साधना सामग्री-
चमेली (जूही) के फूल
सफेद वस्त्र
सफेद आसन
तुलसी माला
ताम्र कलश
देवी माँ अम्बिका का फ्रेम फ़ोटो
चमेली की माला
चमेली की धूपबत्ती, अगरबत्ती
देशी घी का दिया
फल
सफेद रंग की मिठाई
साधना सम्पन्न होने पर 22वे दिन हवन किया जाता है जिसमे देशी घी में चमेली के फूलों की आहुति दी जाती है।
अनुष्ठान पूरा होने पर यह साधना सिद्ध हो जाती है और देवी माँ अम्बे साधक के सभी मनोरथ,कामनाये पूर्ण करती है।यह साधन गृहस्थ साधक कर सकते है।यह साधना बन्द कमरे में होती है।
गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा हरिद्वार उत्तराखण्ड
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2 comments:
Pereteyas.jagdamba.sadhna
Guruji pranam Mantra konsa japana hai wo to bataiye
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