Thursday, June 13, 2024
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शैतान वशीकरण साधना-यह साधना बहुत ही प्राचीन विद्या है, इस साधना के अंतर्गत साधक या साधिका को एक शक्तिशाली शैतानी जिन्नात सिद्ध होता है। इसको सिद्ध करने के पश्चात इसके द्वारा मनचाहा कार्य कर सकते हैं, यह सिद्ध करने का स्थान 50 साल पुराना कब्रिस्तान अथवा कोई बहुत पुरानी दरगाह होनी चाहिए।
यह साधना 41 दिन की होती है इस साधना में साधक को रात को 12:00 से साधना शुरू करनी होती है और सुबह 4:00 बजे से पहले इस साधना को पूर्ण करना होता है। यह शैतान इवलीस जाति का होता है जो बहुत ही खतरनाक माना जाता है यही जिन्नाथ के रूप में होता है जो किसी भी कार्य को करने में सक्षम होता है। साधक को साधना काल में पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए। सात्विक भोजन करना चाहिए। तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए, सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। साधना पूर्ण करने के पश्चात साधक को अपने घर जाकर शयन करना चाहिए और सुबह में आकर तेल के दिए को देखना चाहिए उसमें जितना भी तेल बचा हो उस तेल को किसी खाली बर्तन में भर लेना चाहिए। इस साधना को लगातार 41 दिन तक करनी होती है। साधना काल में अनेक प्रकार के भयानक आवाज़ उपद्रव होते हैं। यदि साधक भयभीत न हुआ और निर्भय होकर साधना करता रहा तो साधक के सामने एक शक्तिशाली जिन्नात हाजिर होता है जो साधक से वचनबद्ध होकर सभी कार्यों को सिद्ध करता है। जब यह साधक के सामने उपस्थित होता है तो एक विशेष भाषा में खाऊं खाऊं शब्द का उच्चारण करता है जो एक अरबी भाषा का शब्द होता है, साधक ने जितना भी तेल प्रतिदिन इकट्ठा किया था उस सभी तेल को साधक इस जिन्नात को दे देता है जो उसका भोग होता है । डरपोक साधक इस साधना को सिद्ध ना करें, या तो साधक भाग जाता है तो वह जीवन भर पागलपन की अवस्था में रहता है जितना तेल शैतान बर्तन का पी लेता है उतना उसको पीने दीजिए उसके पश्चात जितना तेल बर्तन में छोड़ देता है उस तेल को जमीन पर साधक को गिरा देना चाहिए। जब साधक की साधना पूर्ण हो जाए और जिन्नात से वचन हो जाए तब साधक के जो भी अपने कार्य होते हैं उनको जिन्नाथ के माध्यम से सिद्ध करवा सकता है।
मंत्र -
शे अजमतो आलैकुम या शैतानुल असवदी व या शैतानुल अवियाजी व या शैतानुल सअसकी व या शैतानुल अहमरी हाजिरशो हाजिर शो हाजिर शो
हेल्पलाइन-00917669101100
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